
[उत्तर प्रदेश] हापुड़ में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम ने एक युवती के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत ने उन्हें 20-20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 55-55 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मुकेश कुमार त्यागी ने बताया कि नगर के एक मोहल्ला निवासी व्यक्ति ने नगर कोतवाली में तहरीर दी। जिसमें उसने कहा कि उसकी पुत्री 28 मई 2011 को पूजा करने के लिए घर से मंदिर गई। जोकि घर वापस नहीं लौटी। 30 मई 2011 की सुबह जब उन्होंने अपने घर का मुख्य द्वार खोला तो दरवाजे के पास एक पत्र पड़ा मिला। जिसमें पुत्री के अपहरण तथा 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई।
इस घटना को करने वाले फरमान व तहजीब और एक नाबालिग किशोर निवासीगण गांधी विहार हापुड़ तथा सुहैब निवासी मोहल्ला लाल बाग काली मंदिर, थाना मुगलसराय जनपद मुरादाबाद हैं।
पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट अदालत में पेश की। एक आरोपी घटना के समय नाबालिग होने के चलते उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड के लिए भेज दिया गया। वहीं दूसरे आरोपी तहजीब के मामले की पत्रावली किसी कारण के चलते अन्य दो आरोपियों से अलग कर दी गई।
जिसके चलते आरोपी फरमान व सुहैब के मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय प्रथम में चल रही थी। न्यायाधीश डॉ. रीमा बंसल ने आरोपी फरमान व सुहैब को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। अदालत ने 20-20 वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही 55-55 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।