
[HAPUR] जिला एवं सत्र न्यायाधीश रविंद्र कुमार प्रथम ने घर में घुसकर जानलेवा हमला करने के मामले की आज सुनवाई की। जिसमें फैसला सुनाते हुए 4 आरोपियों को 10 वर्ष सश्रम कारावास और 40-40 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई।
जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि 21-9-2014 को थाना पिलखुवा पर वादी मोहम्मद निसार ने तहरीर दी कि 22-9-2014 को इसरार (मजरूब) की धारा 308 में जब्बार व गफ्फार के खिलाफ गवाही एडीजे हापुड़ कोर्ट में होनी थी। दिनांक 21-09-14 को वादी व वादी की भाभी सायरा चारपाई पर बैठकर बातचीत कर रहे थे, तभी इसरार व अंसार ने खाना प्रारंभ किया था। तभी जब्बार व गफ्फार अपने-अपने हाथों में तमंचे लेकर घर में घुस आए और अलाउद्दीन व मोबीन छत से चढ़कर अपने अपने हाथों में तमंचे लेकर आ गए। जब्बार जान से मारने की नीयत से इसरार को गोली मार दी और गफ्फार ने अंसार के ऊपर गोली चला दी।
जिसमें वो बाल-बाल बच गया। छत पर से अलाउद्दीन व मोबीन अपने अपने तमंचे से निसार व सायरा के ऊपर जान से मारने की नीयत से फायर किए। जिसमें दोनों तमंचा लहराते हुए भाग गए।
अभियोजन पक्ष ने कड़ी सजा की मांग की। उन्होंने बताया कि उपरोक्त तहरीर के आधार पर थाना पिलखुवा पर मुकदमें दर्ज किया गया। विवेचक ने संकलित साक्ष्यों के आधार पर आरोप पत्र प्रेषित किया। यह मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायाधीश हापुड़ के न्यायालय में विचाराधीन था। जिसमें जिला शासकीय अधिवक्ता कृष्णकांत गुप्ता ने शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन की ओर से कुल दस गवाहों का न्यायालय में परीक्षण कराया। जिसमें उनके द्वारा मजबूत साक्ष्य पेश किए गए। जिला एवं सत्र न्यायाधीश रविंद्र कुमार – प्रथम ने अभियोजन व विपक्ष के अधिवक्ता की लंबी बहस के बाद चारों अभियुक्त जब्बार, गफ्फार, अलाउद्दीन व मोबीन को दोषी ठहराया और 10 वर्ष सश्रम कारावास व 40-40 हजार अर्थदंड से दंडित किया।