
[UP] राजेंद्र नगर औद्योगिक क्षेत्र में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) की छापेमारी में पकड़े गए नकली मीटरों को विद्युत निगम से टेंडर लेनी वाले ठेकेदारों को बेचा जा रहा था। इन मीटरों से बिजली चोरी करना आसान है। फैक्ट्री संचालक मीटर बनाने वाली नामी कंपनी इंडोटेक का नाम लिखकर बेच रहा था। विद्युत निगम भी जांच किए बिना ही मीटरों को ग्राहकों के घर में लगाता रहा। इस तरह बिजली चोरी को अंजाम दिया जा रहा था।
बीआइएस की टीम ने बुधवार को राजेंद्र नगर में नकली बिजली के मीटर बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश किया था। फैक्ट्री से 600 मीटर बनती हुई हालत में पकड़े थे। जबकि 250 मीटर बने हुए थे। फैक्ट्री को सील कर मीटरों की प्रयोगशाला में जांच की गई। जांच में पता चला कि मीटरों पर आइएसआइ मार्क नहीं था।6 महीने से चल रही थी फैक्ट्रीलाइसेंस नंबर फर्जी डाला गया था। मीटरों पर इंडोटेक कंपनी का नाम लिखा था। जिस वजह से असली-नकली में फर्क करना आसान नहीं था। छह माह पहले यह फैक्ट्री शुरू हुई थी। छह माह में इन मीटरों को उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड सहित विभिन्न प्रदेशों में ठेकेदारों को बेचा गया है। इन ठेकेदारों को विद्युत निगम से टेंडर मिला हुआ था। आरोपित कम कीमत में मीटर बेच देते थे। इससे ठेकेदार को ज्यादा फायदा होता था। खराब गुणवत्ता के कारण मीटरों में लागत कम आती थी।
बीआइएस सहायक निदेशक विशाल कुमार ने बताया कि हमें यह जानकारी प्राप्त नहीं हुई कि फैक्ट्री संचालक अभी तक कितने विद्युत मीटर खपा चुका है। जब्त मीटरों की जांच की गई है। फैक्ट्री संचालक मीटरों को विद्युत निगम के कांट्रेक्टरों को बेच रहा था।