
[खास रिपोर्ट] दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से आम आदमी कई बड़े ऐलान किए गए हैं।इसके तहत शनिवार से जहां पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है तो वहीं 50 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी अब वर्क फ्राम होम होंगे। अगले आदेश तक यह नियम लागू रहेगा। इसके साथ ही दिल्ली की सड़कों पर डीजल वाहनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।दरअसल ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चौथे चरण के नियमों को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कई अहम ऐलान किए। उन्होंने कहा कि ग्रेप चार के सभी नियमों पर सख्ती से अमल किया जाएगा।
दिल्ली में अब डीजल वाहनों के प्रवेश पर अगले आदेश तक प्रतिबंध रहेगा। वहीं बीएस-6 गाड़ियों को ही दिल्ली में प्रवेश मिलेगा। दिल्ली में बीएस चार और पांच के सभी वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है
ये प्रतिबंध होंगे शनिवार से लागू आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों और सभी सीएनजी, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बंद गई है।आवश्यक सेवाओं के अलावा दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहन और भारी माल वाहन के दिल्ली में संचालन पर प्रतिबंध लग गया है।
आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले बीएस-6 वाहनों को छोड़कर दिल्ली-एनसीआर में चारपहिया डीजल एलएमवीएस के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दिल्ली-एनसीआर में राजमार्गों, फ्लाईओवर, पाइपलाइन जैसी सरकारी परियोजनाओं में निर्माण कार्य पर रोक लग गई है दिल्ली सरकार ने अपने 50% कर्मियों को घर से काम करने की अनुमति दी है।
गौरतलब है कि पराली जलाने के मामले बढ़ने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में हवा बहुत जहरीली हो गई है। दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर में शहरों में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के पार पहुंच गया है और कहीं-कहीं तो 600 के करीब भी है।