
[खास रिपोर्ट] उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक-2022-2023 (Population Control Bill 2022-2023) का ड्राफ्ट तैयार कर लिया हैं।
वह व्यक्ति Sarkari Naukri के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा और न ही किसी स्थानीय निकाय का चुनाव (election) लड़ सकेगा दरअसल सरकार का यह कानून राज्य में दो बच्चों की पॉलिसी को बढ़ावा देने को प्रोत्साहित करता है. इस ड्राफ्ट में यह कहा गया हैं कि दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्ति का Ration Card चार सदस्यों तक ही सीमित होगा।
और वह किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी (government subsidies) प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होंगे कानून लागू होने के सालभर के ही भीतर सभी सरकारी कर्मचारियों और स्थानीय निकाय चुनाव (local body elections) में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को एक शपथपत्र देने होंगे कि वे इस नियम का उल्लंघन नहीं करेंगे।
शपथपत्र देने के बाद अगर वे तीसरा बच्चा पैदा करते हैं तो ड्राफ्ट में सरकारी कर्मचारियों (government employees) का प्रमोशन रोकने और बर्खास्त करने तक का सिफारिश किया गया हैं हालांकि तीसरे बच्चे को गोद लेने पर कोई रोक नहीं है।
दो या कम बच्चों वाले अभिभावक को कई सुविधाएं
अधिकतम दो बच्चों की पॉलिसी को पालन करने वाले और स्वैच्छिक नसबंदी कराने वाले अभिभावकों को सरकार खास तरह की सुविधाएं देगी. ऐसे सरकारी कर्मचारियों (government employees) को जैसी कई सुविधाएं मिलेगी. वहीं जिनके पास Sarkari Naukri नहीं है ड्राफ्ट में पानी बिजली होम लोन Home Loan जैसी कई सुविधाएं देने का प्रस्ताव है।
एक संतान पर स्वैच्छिक नसंबदी कराने वाले दंपति को सरकार के तरफ से एकमुश्त राशि के भुगतान का प्रस्ताव रखा गया है एक मात्र बच्चा अगर वह लड़का हैं तो 80 हजार रुपये और वहीं अगर लड़की है तो एक लाख रुपए दिए जाने की सिफारिश किया गया हैं लेकिन ये Yojana सिर्फ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले दंपतियों के लिए है।