नोएडा

नोएडा में इलाज करवाने आई महिला के साथ डॉक्टर ने किया दुष्कर्म बनाई अश्लील वीडियो।

[UP] नोएडा में इलाज के नाम पर एक महिला के साथ डिजिटल रेप किया गया। पीड़ित महिला ने इस मामले में फेस-टू कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत करवाया। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया। जहां पर कोर्ट के आदेश पर आरोपी डॉक्टर को जेल भेज दिया गया है।

पूरा माजरा। फेस 2 कोतवाली से मिली जानकारी के मुताबिक सचिन नाम का एक व्यक्ति नोएडा के भंगेल गांव में क्लीनिक चलाता है। मिली जानकारी के मुताबिक सचिन के क्लीनिक पर एक महिला इलाज करवाने के लिए गई थी। इलाज करने के नाम पर डॉक्टर सचिन ने महिला के प्राइवेट पार्ट में अपनी उंगली डाल दी। जिसके बाद पीड़ित महिला इसका विरोध करने लगी और वहां से चली गई।

पोस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज। पीड़िता ने इस मामले में फेस-टू कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत करवाया। पुलिस ने इस मामले में डॉक्टर सचिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने डिजिटल रेप करने के आरोप में आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया। जहां से कोर्ट के आदेश पर आरोपी को जेल भेज दिया गया है।

क्या होता है डिजीटल रेप। नोएडा में डिजिटल रेप के मुकदमे में गिरफ्तारी की खबर के बाद नोएडा के लोगों और पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों में भी इसके बारे में जानने की उत्सुकता दिखाई दी। लोगों ने गूगल पर सर्च किया और इसके बारे में जानकारी एकत्र की। जो वह समझ रहे तो यह जानकारी उसे बिल्कुल अलग निकली। इस डिजीटल रेप का मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस से कोई लेना लेना ही नहीं है। डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं कि, किसी लडक़ी या लडक़े का शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए। यह शब्द दो शब्दों यानि डिजिटल और रेप से बना है। अंग्रेजी के डिजिट का मतलब जहां अंक होता है वहीं अंग्रेजी शब्दकोश के मुताबिक उंगली, अंगूठा, पैर की अंगुली इन शरीर के अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता हैं। यानि यह बलात्कार की वह स्थिति है जिसमें उंगली, अंगूठा, पैर की अंगुली का इस्तेमाल नाजुक अंगो पर किया गया हो। डिजिटल रेप कहा जाता है।

बैड और गुड टच के माध्यम से बताया जा रहा डिजीटल रेप।डिजीटल रेप को लेकर भी सोशल मीडिया पर पिछले पांच सालों से जागरूकता फैलाई जा रही है। ऐसा जब हुआ जब 2016 में स्कूल से पढ़ कर घर लौटते वक्त स्कूल बस के कंडक्टर ने केजी में पढ़ने वाली बच्ची के साथ बस में यौन शोषण किया। बच्ची के साथ हुई इस घिनौनी हरकत को जानने के बाद बच्ची के माता-पिता का गुस्सा फूटा और उन्होंने इंसाफ पाने के लिए कई प्रदर्शन किए। इसी के चलते उस समय सोशल मीडिया पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर कैंपेन भी चलाए गए। आरोपी कंडक्टर को 20 साल की सजा सुनाई गई। इसके बाद से ही मासूम बच्चों के साथ हो रहे अत्याचारों से उन्हें अवगत कराने के लिए प्ले स्कूलों, प्राइमरी स्कूलों में कई तरह की मुहीम भी चलाई जा रही हैं और डिजिटल रेप के बारे में जानकारी भी दी जा रही है।

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