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न्याय मिलने में देरी देश की आवाम के लिए बड़ी चुनौती पीएम नरेन्द्र मोदी

INDIA। भारत देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि न्याय मिलने में देरी देश के लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन गई है। गुजरात के केवडिया एकता नगर में ‘स्टैच्यू आफ यूनिटी’ के पास दो दिवसीय ‘आल इंडिया कान्फ्रेंस आफ ला मिनिस्टर्स एंड ला सेक्रेटरीज’ के उद्घाटन सत्र में प्रसारित अपने वीडियो संदेश में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह भी कहा कि कानूनों को स्पष्ट रूप से और क्षेत्रीय भाषाओं में लिखा जाना चाहिए, ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति कानून की भाषा को समझ पाए।Screenshot 2022 10 15 15 36 43 24 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12 copy 640x400

मान्यवर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा न्याय मिलने में देरी हमारे देश के लोगों के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर सामने उभरी है। भारतीय समाज की विशेषता यह है कि हजारों वर्षों तक इसने विकास के पथ पर चलते हुए आंतरिक सुधार भी किए हैं। हमारे समाज ने स्वेच्छा से अप्रचलित कानूनों, बुरे रीति-रिवाजों और परंपराओं से छुटकारा पाया, क्योंकि हम जानते हैं कि अगर वे रूढ़िवादिता बन जाते हैं तो वे प्रगति में बाधा बनते हैं।Screenshot 2022 10 15 15 36 43 24 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12 copy 640x400 2

कानून बनाते हुए हमारा सिर्फ ये फोकस होना चाहिए कि गरीब से गरीब भी नए बनने वाले कानून को अच्छी तरह समझ पाएं। किसी भी नागरिक के लिए कानून की भाषा बाधा न बने, हर राज्य इसके लिए भी काम करे, इसके लिए हमें लाजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर का सपोर्ट भी चाहिए होगा।Screenshot 2022 10 15 15 36 43 24 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12 copy 640x400 1

युवाओं के लिए मातृभाषा में एकेडमिक सिस्टम भी बनाना होगा, ला से जुड़े कोर्सेस मातृभाषा में हो, हमारे कानून सरल, सहज भाषा में लिखे जाएं, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण केसेस की डिजिटल लाइब्रेरी स्थानीय भाषा में हो, इसके लिए हमें काम करना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘देश में त्वरित न्याय का एक और माध्यम लोक अदालतें भी बनी हैं। कई राज्यों में इसे लेकर बहुत अच्छा काम भी हुआ है।

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