
[GHAZIABAD] दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मुरादनगर आरआरटीएस स्टेशन के पास बनाया जा रहे रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) में लगाए गए 4 ट्रांसफार्मर्स की टेस्टिंग मंगलवार से शुरु हो चुकी है. इससे आरएसएस का निर्माण अगले चरण में पहुंच गया है. इस आरएसएस की बिल्डिंग पहले ही बनकर तैयार हो चुकी है और यहां इलेक्ट्रिकल उपकरण लगाने का कार्य भी पूर्ण हो चुका है. जल्द यह आरएसएस(RSS) स्टेशनों एवं ट्रेनों के संचालन के लिए विद्युत आपूर्ति करने के लिए तैयार हो जाएगा.
50 मेगावाट की क्षमता वाले इस आरएसएस से प्रायोरिटी सेक्शन से आगे मेरठ की दिशा में मुरादनगर, मोदी नगर साउथ, मोदी नगर नॉर्थ, मेरठ साउथ और परतापुर स्टेशन तक विद्युत आपूर्ति की जाएगी. इसके साथ ही इसे प्रायोरिटी सेक्शन एवं दुहाई डिपो के लिए बैकअप के तौर पर तैयार रखा जाएगा, ताकि जरूरत के समय विद्युत आपूर्ति में कोई विलंब या रुकावट ना आए. इससे दुहाई डिपो में 33 केवी बिजली की आपूर्ति की जाएगी और कॉरिडोर पर ट्रेनों के संचालन के लिए विद्युत ओएचई के लिए 25 केवी विद्युत की आपूर्ति की जाएगी.यहां बिजली सप्लाई के लिएएनसीआरटीसी (NCRTC) ने उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीटीसीएल) के साथ करार किया है. यूपीटीसीएल ग्रिड सबस्टेशन से 220kV बिजली इएचटी (एक्सट्रा हाईटेंशन लाइन) केबल से मुरादनगर आरएसएस में आएगी और उसके बाद यहां से 25kV की बिजली ट्रेनों के संचालन के लिए और 33kV की बिजली आरआरटीएस स्टेशनों की समस्त जरूरतों के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस परियोजना के तहत दिल्ली से मेरठ के बीच 25 स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इस कॉरिडोर पर 17 किमी के खंड को प्रायोरिटी सेक्शन के रूप में निर्धारित किया गया है, जिसमें पांच स्टेशन हैं, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो. एनसीआरटीसी ने प्राथमिकता खंड पर साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक इस वर्ष 2023 में यात्रियों के लिए ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा है, जबकि सम्पूर्ण कॉरिडोर पर 2025 तक ट्रेनों का संचालन संभावित है.