
[HAPUR] जिला सत्र न्यायालय के नए भवन के लिए जिला प्रशासन ने गांव अच्छेजा में न्यायलय भवन का निर्माण कराने के लिए 25 एकड़ भूमि चिन्हित की थी। इस भूमि के 61 किसानों से अधिग्रहण को लेकर जिला प्रशासन के अफसरों की बातचीत चल रही थी। अब किसानों ने सर्किल रेट से 3.99 गुना अधिकपर भूमि देने पर अपनी सहमति दे दी है।
कानूनगो और लेखपाल ने सभी किसानों से सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर करा लिए हैं, जिसकी कीमत लगभग 84 करोड़ होगी। हापुड़ 2011 में जिला घोषित हुआ था, लेकिन 12 साल बाद भी जिला सत्र न्यायालय के लिए जमीन नहीं मिली। दरअसल, हापुड़- पिलखुवा विकास प्राधिकरण की आनंद विहार आवासीय योजना में जिला न्यायालय भवन बनाने के लिए भूमि चिन्हित की गई थी, लेकिन इस भूमि का बजट करीब 122 करोड़ का बन रहा था।
शासन ने जिला प्रशासन को सस्ती भूमि तलाशने के निर्देश दिए थे। जिला प्रशासन ने अच्छेजा गांव में 25 एकड़ भूमि की तलाश की। जिला जज द्वारा इस भूमि का निरीक्षण भी किया गया। अब जिला प्रशासन ने इस भूमि के किसानों से बातों की दूसरी बार को बातों में किसानों से सर्किल रेट का 3.99 गुना अधिक मुआवजा देने पर सहमति बन गई। लेकिन चार किसान चार गुना से भी ज्यादा मुआवजा मांग रहे थे।
अब सभी 61 किसानों ने सर्किल रेट से 3.09 गुना अधिक मुजावजा लेकर भूमि देने पर अपनी सहमति दे दी थी। किसानों की सहमति मिलते ही जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण से संबंधित पहल शुरू कर दी है। सभी किसानों से सहमति पत्र हस्ताक्षर करा लिए हैं। अब तहसील से प्रस्ताव बनाकर जिला प्रशासन को भेजा जाएगा। इसके बाद जिला प्रशासन शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजेगा। एसडीएम सुनीता सिंह ने बताया कि जिला न्यायालय के लिए सर्किल रेट से 3.99 गुना अधिक मुआवजा लेकर किसान अपनी भूमि देने को तैयार है। 61 किसानों में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराने का जिम्मा तहसील प्रशासन को दिया है। हस्ताक्षर कराने पर तहसील प्रशासत जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजेगा। इसके बाद शासन की प्रस्ताव भेजा जाएगा।