खास रिपोर्ट

2024 में साथ चुनाव कराने का मौका राजनीतिक दलों को साथ लें पूर्व CEC

[दुनिया] पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओ पी रावत ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ अवधारणा का समर्थन करते हुए कहा है कि 2024 में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का मौका है लेकिन इस पर आगे बढ़ने से पहले सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लिया जाना चाहिए हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान चुनाव प्रणाली में किसी भी बदलाव के लिए कई संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता होगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर जोर दिया है जबकि निर्वाचन आयोग ईसी विधि आयोग और नीति आयोग जैसे प्रमुख निकायों ने भी अलग-अलग चुनावों को कराने में हो रहे भारी व्यय को देखते हुए इस विचार को उपयोगी बताया है।देश में सालभर नियमित अंतराल में कोई न कोई चुनाव होता रहता है जिससे सभी राजनीतिक दल हर समय चुनावी मोड में रहते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का पूरा समर्थन किया है जबकि कांग्रेस ने सावधानीपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया है।हालांकि, कुछ राजनीतिक दलों और विश्लेषकों ने इसके प्रति बहुत उत्साह नहीं दिखाया है। रावत ने कह निर्वाचन आयोग ने पहले सरकार को एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर विस्तृत योजना सौंपी थी मेरा मानना है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव हर पांच साल में एक साथ कराए जा सकते हैं, जैसा कि देश में 1967 तक होता था।

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