ग़ाज़ियाबाद

गाजियाबाद के जिलाधिकारी कमिश्नर को भेजा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नोटिस

[Ghaziabad] उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में दलित मजदूर की हत्या के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को नोटिस जारी किया है। इन दोनों अधिकारियों को 7 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने या पेश होने का निर्देश दिया गया है। शोषित क्रांति दल के अध्यक्ष रविकांत ने आयोग में पीड़ित पक्ष की तरफ से इस केस की पैरवी की थी।

गाजियाबाद में मोदीनगर क्षेत्र के खंजरपुर गांव निवासी प्रेम सिंह जाटव राजमिस्त्री का काम करता था। 2 जुलाई 2022 की सुबह 9 बजे ठेकेदार किशनपाल प्रजापति ने फोन करके प्रेम सिंह को फैक्ट्री पर बुलाया था। प्रेम सिंह की पत्नी राजेश के मुताबिक, “उसी शाम को 4 बजे दो युवक घर पर आए और ये सूचना दी कि मेरे पति को करंट लग गया है। हम जब मेरठ के सुभारती हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टरों ने मुझे बताया कि आपके पति ऊंचाई से गिरकर घायल हुए हैं।

राजेश ने बताया, मैंने 3 जुलाई को पुलिस चौकी और 5 जुलाई को मोदीनगर थाने पर एप्लिकेशन दी। पुलिस से गुहार लगाई कि वो मेरे घायल पति का बयान दर्ज कराकर जिससे घटना की सच्चाई सामने आई। पुलिस ने बयान नहीं लिए और 12 जुलाई को पति प्रेम सिंह ने दिल्ली के अस्पताल में दम तोड़ दिया।

मृतक की पत्नी के मुताबिक, 13 जुलाई को पुलिस ने FIR दर्ज की, लेकिन SC-ST की धाराएं नहीं लगाईं। 18 अगस्त को पुलिस ने मनोज नेहरा, किशनपाल ठेकेदार और कुली शमशादी को कस्टडी में लिया, लेकिन चार दिन बाद ही छोड़ दिया। पीड़िता का कहना है कि पुलिस ने इस केस की जांच में बड़ी लापरवाही बरती है। न फोरेंसिक सुबूत जुटाए। न मुकदमा वादी के बयान दर्ज किए। न ही मेरे पति के वीडियो बयान को अपनी जांच में शामिल किया।

Show More

Related Articles

Back to top button